यादों के झरोखे से लेखनी कहानी मेरी डायरी-14-Nov-2022 भाग 28
मरीन ड्राइव की यात्रा
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दूसरे दिन हम मरीन ड्राइव पर घूमने गये। यह भी यहाँ का देखने योग्य स्थान है। यहाँ पर समुन्द्र की लहरौ को देखने का बहुत आनन्द है। हमने वहाँ पर इसके इतिहास के विषय मेझ जाना जो इस प्रकार है।
सपनों के शहर मुंबई के मरीन ड्राइव की लहरों की आवाज़ तो हमेशा सुनते हैं ।द्य मुंबई एक जीवंत शहर है जिसमें हजारों लोग अपने सपनों का पीछा करते हैं, यही वजह है कि इसे 'सपनों का शहर' भी कहा जाता है। यहां देखने के लिए एक भव्य दृश्य मरीन ड्राइव है, जिसे रानी के हार के रूप में भी जाना जाता है।
एसे कम ही लोग है जो मुंबई जाएं और बिना किसी संदेह के "मरीन ड्राइव" की बाते ना करे। मरीन ड्राइव निश्चित रूप से अपने चमत्कारिक दृश्यों से आपको पागल कर देती है। लोग यहां आते हैं, बैठते हैं और शांति का आनंद लेते हैं और चट्टानों सेलड़ती हुइ पानी के लहरों की आवाज़ सुनते है। लेकिन, इस जगह के बारे में एक अनोखी कहानी है जो शायद ही किसी को इसके बारे में जानकारी हो। मुंबई मरीन ड्राइव के पीछे की कहानी आपको जान के जरुर अचरज होगी।
बताया जाता है कि मरीन ड्राइव मुंबई में 1920 के आसपास निर्मित हुआ था। यह अरब सागर के किनारे-किनारे, नरीमन प्वाइंट पर सोसाइटी लाइब्रेरी और मुंबई राज्य सेंट्रल लाइब्रेरी से लेकर चौपाटी से होते हुए मालाबार हिल तक के क्षेत्र में है। मरीन ड्राइव के शानदार घुमाव पर लगी स्ट्रीट-लाइटें रात्रि के समय इस प्रकार जगमाती हैं कि इसे क्वीन्स नैकलेस के नाम से जाना जाता है।
समुद्र के किनारे का क्षेत्र होने के कारण यहां जिन संपत्तियों का निर्माण किया गया था, उनमें शुरू में कोई लेने वाला नहीं था। क्योंकि वे बहुत महंगे थे। बहुत लंबे समय तक मरीन ड्राइव एक कम जनसंख्या वाला क्षेत्र बना रहा। लेकिन विभाजन के बाद देश में नए नया दौर चला और वो दौर था अमीरों का जिन्होंने यहां संपत्ति खरीदना शुरू कर दिया। इसके अद्भुत स्थान को ध्यान में रखते हुए केवल अमीर लोग ही यहां जमीन की खरीदरी करते हैं।
जब भी कोई मरीन ड्राइव के लिए जाता है वह एक बार समुद्र तट पर बने टेट्रापोड पर जरुर बैढ़ता है। शकून की सांसे लेने के लिए या तस्वीरें लेने के लिए। लेकिन क्या आपको मामूल है कि इस टेट्रापोड का निर्माण क्यों किया गया और किस लिए किया गया। वइन टेट्रापोडों का निर्माण एक कारण के लिए किया गया था। ये टेट्रापोड मजबूत लहरों से शहर को बचाने के लिए बनाया गया है। जब लहरें तट से टकराती हैं, तो ये ठोस टेट्रापोड कटाव और अन्य समस्याओं से बचती है।
यदि आप मरीन ड्राइव के चित्रों को देखते हैं, तो यह आपको भव्य अंतर्राष्ट्रीय समुद्र तट मियामी की याद दिलाती है। यह मुंबई का अपना मियामी है और निश्चित रूप से लोगों को इस पर गर्व है। प्रसिद्ध लेखक नवीन रमानी ने अपनी प्रशंसित पुस्तक Art बॉम्बे आर्ट डेको आर्किटेक्चर: ए विज़ुअल जर्नी ’में मियामी के ओशन ड्राइव और मुंबई के मरीन ड्राइव के बीच समानताएं भी बताई हैं।
कहते हैं कि मुंबई शहर कभी सोता नहीं। मरीन ड्राइव खामोशी के साथ पिछले 100 सालों से उसकी गवाह है। इसने गुजरे हुए कल के पन्नों को पीले होते हुए देखा है। आने वाले कल को चमकते हुए भी देखेगा। यह रास्ता है आज और कल को जोड़ने वाला जो पिछले कई सदियों से मरीन ड्राइव कर हरा है।
हम वहाँ घूमकर थक गये वहाँ पर सभी ने खूब मसाती की फोटो खीचे। इस तरह आज का दिन बहुत ही अच्छा बीता और इसके बाद हम घर वापिस आगये।
अगली यात्रा अगले भाग में।
यादों के झरोखे से 2022
नरेश शर्मा "पचौरी "
Radhika
05-Mar-2023 08:02 PM
Nice
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shweta soni
03-Mar-2023 10:02 PM
बहुत सुंदर 👌
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अदिति झा
03-Mar-2023 02:27 PM
👍🏼
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